उत्तर प्रदेश आबकारी निरीक्षक संघ का विघान

1.उत्तर प्रदेश राज्य आबकारी निरीक्षकों की संगठित संस्था का नाम उत्तर प्रदेश आबकारी निरीक्षक संघ तथा आंग्ल भाषा में UTTAR PRADESH EXCISE INSPECTORS’ ASSOCIATION होगा। सूक्ष्म उच्चारण हेतु उप्रानिस / UPEIA शब्द प्रयुक्त किया जायेगा। यह राज्य सरकार के नियमों के अनुसार पंजीकृत संस्था होगी। संघ के नाम में परिवर्तन साधारण अधिवेशन बुलाकर 2/3 बहुमत से किया जा सकता है।

2. उद्देश्य -उत्तर प्रदेश आबकारी निरीक्षक संघ की स्थापना राज्य सरकार एवं आबकारी निरीक्षकों के मध्य हर एक विषय पर समन्वय स्थापित करने के उद्देश्य से किया गया है। जिसके अन्तर्गत- शासन द्वारा नीतियों के निर्धारण किये जाने के अवसर पर अपने सुझाव प्रेषित करने तथा उनके क्रियान्वय में पूर्ण सहयोग प्रदान करना। दोषपूर्ण आदेशों की ओर शासन का ध्यान आकर्षित करना। मद्यनिषेध का व्यापक प्रचार करना। आबकारी निरीक्षकों के सेवादशाओं (SERVICE CONDITIONS) को समुन्नत करना और बेहतर सुझाव प्रेषित करना। आबकारी विभाग सम्बन्धी समस्त समस्याओं का अध्ययन करके उनके निराकरण सम्बन्धी सुझाव देकर सफल बनाने में सरकार को सहयोग प्रदान करना। विभाग के कर्मचारियों तथा उनके परिवार के सदस्यों के सर्वांगीण विकास हेतु रचनात्मक कार्य करना तथा उसकी सहायता करना आदि ।

3. संगठन का स्वरूप- उत्तर प्रदेश आबकारी निरीक्षक संघ के संगठानात्मक स्वरूप को निम्न प्रकार से गठित किया जायेगा-

आबकारी निरीक्षक संघ- आबकारी निरीक्षक संघ का गठन-आबकारी विभाग उत्तर प्रदेश, सरकार, लखनऊ द्वारा नियुक्त उन सभी निरीक्षकों द्वारा किया जायेगा जिन्होंने उत्तर प्रदेश आबकारी निरीक्षक संघ की सदस्यता लिखित रूप में ग्रहण कर लिया है और निर्धारित सदस्यता शुल्क संघ द्वारा नियुक्त कोषाधिकारी के पास जमा करा कर तत्सम्बन्धी रसीद प्राप्त कर लिया है। चाहे ऐसे निरीक्षक अपने पदों पर आबकारी विभाग द्वारा स्थायी कर दिये गये हों अथवा नहीं। पदोन्नति प्राप्त समस्त आबकारी निरीक्षकों को भी वही अधिकार होगा जो लोक सेवा आयोग द्वारा चयनित आबकारी निरीक्षकों को होगा। किसी भी पद पर कार्यरत आबकारी निरीक्षक अथवा पदोन्नति प्राप्त अधिकारी को संघ की सदस्यता ग्रहण करने के लिए बाध्य नहीं किया जायेगा।

4- संघ के पदाधिकारी-आबकारी निरीक्षक संघ द्वारा अपने सदस्यों में से ही निम्नलिखित पदाधिकारियों को चुना जायेगा-
a. सभापति
b. उपसभापति (दो)
c. महामंत्री
d. संयुक्त मंत्री (दो)
e. कोषाध्यक्ष
f. प्रकाशन मंत्री
g. सम्प्रेक्षक
h. प्रत्येक चार्ज से निर्वाचित/मनोनीत एक सदस्य कार्यकारिणी समिति के लिए

5- पदाधिकारी का चुनाव- पदाधिकारियों का चुनाव आबकारी निरीक्षक संघ के खुले अधिवेशन में कार्य पूरक संख्या के पूर्ण होने पर गुप्त मतदान-प्रणाली द्वारा बहुमत के आधार पर किया जायेगा। चुनाव कराने के लिए निरीक्षक संघ द्वारा किसी भी व्यक्ति को जो संघ का सदस्य न हो, बहुमत से निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया जायेगा। निर्वाचन अधिकारी गुप्त मतदान प्रणाली द्वारा पदाधिकारियों का चुनाव करायेंगें और चुनाव परिणाम की खुले अधिवेशन में सभी के समक्ष घोषणा करेंगे। चुनाव प्रक्रिया की शुचिता एवं निष्पक्षता बनाये रखने के लिए श्रेयस्कर होगा कि किसी अन्य विभाग अथवा अवकाश प्राप्त अधिकारी को ही निर्वाचन अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाये |

6- कार्यकाल - आबकारी निरीक्षक संघ स्थायी संस्था होगी परन्तु कार्यकारिणी समिति तथा अन्य पदाधिकारियों का कार्यकाल 3 वर्ष का होगा। तीन वर्ष पश्चात पुनः नये चुनाव कराये जाने चाहिए।

7- कार्यपूरक संख्या (कोरम) - संघ की कार्यपूरक संख्या सदस्य संख्या का 1/4 माना जायेगा बिना कोरम पूरा हुए कोई भी कार्यवाही अवैध समझी जायेगी।

8- सभापति का अधिकार तथा कर्तव्य- संघ द्वारा निर्वाचित सभापति के निम्नलिखित कर्तव्य होंगे- 1. सभापति जब भी आवश्यक समझे महामंत्री को अधिवेशन अथवा कार्यकारिणी समिति की बैठक बुलाने का निर्देश दे सकता है। 2. संघ के अधिवेशनों तथा कार्यकारिणी समिति की बैठकों का सभापतित्व करें तथा अनुशासित संचालन करें। 3. संघ का नियमानुकूल संचालन करना और साधारण तथा विवादास्पद मामलों पर यदि आवश्यक समझे संघ की आम राय मानने के लिए मतदान कराये तथा उसकी घोषणा करें। 4. संघ द्वारा पारित प्रस्तावों को शासन, आबकारी आयुक्त, उत्तर प्रदेश अथवा अन्य किसी अधिकारी जिससे भी सम्बन्धित हो अवगत कराये। 5. सभा के वार्षिक आय व्यय बजट को संघ के समक्ष प्रस्तुत करना और संघ की स्वीकृति प्राप्त करना। 6. संघ के समस्त कार्यो में अन्य पदाधिकारियों का मार्गदर्शन तथा संघ को सुचारू रूप से चलाने का गुरूत्तर दायित्व वहन करना।

9- उपसभापति- सभापति की अनुपस्थिति में उपसभापति के समस्त अधिकारों के प्रयोग करने का अधिकार होगा।

10. महामंत्री- सभापति की राय से कार्यकारिणी अथवा सभापति की बैठक बुलाना तथा सभा की कार्यवाही लिखना।
a. एजेण्डा को सभा अथवा कार्यकारिणी के समक्ष पेश करना।
b. संघ की ओर से पत्र व्यवहार करना।
c. समस्त सदस्यों से वार्षिक शुल्क अथवा कोई विशेष शुल्क वसूल कर कोषाधिकारी के माध्यम से बैंक में रखना।
d. संघ के कार्यालय को अपने स्थान पर स्थापित करना जब तक कि संघ का अपना स्वयं का भवन निर्माण नहीं हो जाता।
e. कार्यालय के समस्त अभिलेख बनवाना उनका रख-रखाव करना। तथा उनका उत्तरदायित्व वहन करना।
f. सभा द्वारा स्वीकृत प्रस्तावों का उद्धरण सम्बन्धित अधिकारी, कर्मचारी, शासन तथा आबकारी आयुक्त को लिखित रूप में भेजना तथा शिष्ट मण्डलों का गठन करके ज्ञापन की व्यवस्था करना।
g. सभा के उन कार्यो का प्रतिपादन करना आदि।

11- संयुक्त मंत्री-
a. महामंत्री की अनुपस्थिति में उसका समस्त कार्य संयुक्त मंत्री करेंगे और उनके समस्त अधिकार तथा कर्तव्य वहीं होंगे जो महामंत्री के होते हैं।
b. संघ के संचालन में महामंत्री को सहयोग करना।

12- कोषाध्यक्ष- कोषाध्यक्ष के निम्नलिखित कार्य होंगें-
a. सदस्यों से सदस्यता शुल्क तथा अन्य देयों की वसूली करना।
b. प्राप्त सदस्यता शुल्क तथा अन्य आयों का लेखा-जोखा रखना।
c. कार्यकारिणी तथा संघ के वार्षिक अधिवेशन के समय आय व्यय का सम्पूर्ण ब्यौरा पेश करना तथा संघ की स्वीकृति प्राप्त करना होगा।
d. सभा की आय की धनराशि को किसी बैंक में सुविधाजनक रखना जो महामंत्री तथा कोषाध्यक्ष दोनों के नामों में सहखाते के रूप में खोला जायेगा और दोनेां के हस्ताक्षर के बिना बैंक से रूपया न निकाला जायेगा।
e एक समय में रूपये 5000/- से कम की धनराशि को महामंत्री तथा कोषाध्यक्ष बैंक खाते से निकाल सकते हैं इससे अधिक धनराशि खाते से निकालने के लिए कार्यकारिणी समिति की स्वीकृति लेना आवश्यक होगा। जिसको बाद में संघ के समक्ष पेश करके स्वीकृति लिया जाना चाहिए।

13- प्रकाशन मंत्री- संघ के समस्त अभिलेखों की ड्राफ्टिंग, संकलन व इनके प्रकाशन का उत्तरदायित्व प्रकाशनमंत्री का होगा | वह संघ के मुखपत्र उत्कर्ष का संपादक तथा संघ का अधिकृत प्रवक्ता भी होगा।

14- सम्प्रेक्षक- एसोसियेशन के कार्यालय का निरीक्षण तथा एसोसियेशन के आय-व्यय का सम्परीक्षण।

15- कार्यकारिणी समिति- आबकारी निरीक्षक संघ की एक कार्यकारिणी समिति होगी जो साधारण तथा असाधारण समस्याओं के उपस्थित होने पर कार्यकारिणी की बैंठक बुलाकर निर्णय लेगी और कार्यो का प्रतिपादन करेगी। कार्यकारिणी के निम्नलिखित सदस्य होंगे-
a. आबकारी निरीक्षक सभा के समस्त पदाधिकारी पद के क्रमानुसार कार्यकारिणी के भी पदाधिकारी होंगे।
b. प्रत्येक प्रभार से एक निर्वाचित प्रतिनिधि जिसका निर्वाचन चार्ज के आबकारी निरीक्षकों द्वारा किया जायेगा। चार्ज के निर्वाचन अधिकारी की नियुक्ति संघ का सभापति करेगा।

16- कार्यपूरक संख्या- कार्यकारिणी समिति की कार्यपूरक पूर्ण संख्या कम से कम आठ होगी।

17- कार्यकारिणी समिति के कार्य- कार्यकारिणी समिति का मुख्य कार्य संघ द्वारा स्वीकृत समस्त प्रस्तावों को कार्य रूप देने की कोशिश करना है।
a. सभा द्वारा स्वीकृत प्रस्तावों, मांगो आदि का ज्ञापन तैयार करना, उनके सूत्रबद्ध करके शासन को अवगत कराने हेतु शिष्ट मण्डल का गठन करना तथा जहाँ आवश्यकता पडे शिष्ट मण्डल के रूप में रखकर प्रभाव डालना है।
b. सभा के वार्षिक अधिवेशन का आयेाजन करना और तत्सम्बन्धी व्यवस्था करना।
c सभा के किसी विशेष महत्व के प्रश्न पर उपसमितियों का गठन करके कार्य करना।
d. आय तथा व्यय के ब्यौरा पर अंकुश रखना तथा आय व्यय के ब्यौरे को सभा के समक्ष प्रेषित करके स्वीकृति प्रदान करना।

18- दीक्षित स्मारक परिवार कल्याण समिति- दीक्षित स्मारक परिवार कल्याण समिति के उददेश्यो की पूर्ति के लिए एक समिति होगी, जिसके समस्त पदाधिकारी वहीं होगें जो आबकारी निरीक्षक संघ के हैं और यही कार्य-कारिणी दीक्षित स्मारक समिति के कार्यो का भी सम्पादन करेगी। दीक्षित स्मारक परिवार कल्याण समिति के माध्यम से संघ के सदस्यता प्राप्त किसी सदस्य की अचानक मृत्यु, अपंगता अथवा अन्य कोई संकट आ जाने पर कार्यकारिणी को अधिकार होगा कि कर्मचारी की अधिक से अधिक दो लाख रूपये तक की सहायता प्रदान की जा सकती है जिसकी स्वीकृति संघ के अधिवेशन में लेना आवश्यक होगा।

19- वार्षिक अधिवेशन- प्रत्येक वर्ष कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित स्थान तथा तिथियों में सभा का वार्षिक अधिवेशन महामंत्री द्वारा बुलाया जायेगा जिसमें समस्त सदस्यों को कम से कम 15 दिन पूर्व सूचना देना चाहिए। महामंत्री द्वारा समस्त सदस्यों के अधिवेशन में दिये जाने वाले प्रस्ताव मांग लिये जाने चाहिए। समस्त प्रस्ताव अधिवेशन के समय पर होने वाली विषय निर्वाचन की बैठक में रखे जायेंगे और इस बैठक में स्वीकृत प्रस्ताव ही खुले अधिवेशन में विचार किये जा सकंगे। विषय निर्वाचन का गठन कार्यकारिणी के सदस्यों के अतिरिक्त पाँच अन्य सदस्यों का निर्वाचन करके मौके पर किया जायेगा।

20. असाधारण अधिवेशन- सदस्यों की कुल संख्या 1/6 सदस्यों द्वारा असाधारण अधिवेशन की मांग करने पर इस प्रकार का अधिवेशन बुलाना मंत्री के लिए आवश्यक होगा। इस तरह के अधिवेशन का आयोजन भी मंत्री तथा सभापति साधारण अधिवेशनों की भांति करेंगे और समस्त व्यवस्था का प्रबन्ध करेंगे।

21- सदस्यता शुल्क- सभा की सदस्यता शुल्क आजीवन 50,000/- तथा वार्षिक शुल्क 5000/ रूपये होगा। आजीवन सदस्यता शुल्क धनराशि को कार्यकारिणी समिति किसी विशिष्ट व्यक्ति के लिए घटाकर 100 रूपये भी कर सकती हैं।

22- सभा का वर्ष- सभा का वर्ष 01 जनवरी से प्रारम्भ होगा तथा 31 दिसम्बर को समाप्त होगा। आय व्यय का ब्यौरा भी इसी वर्ष के अनुसार तैयार किया जायेगा।

23- उपसमितियां - आवश्यकता प्रतीत होने पर उपसमितियों का गठन किया जायेगा जिसका निर्वाचन कार्यकारिण् करेगी। उपसमिति साधारणतः किसी एक जनपद के सदस्येां को ही बनायी जानी चाहिए।
a. उप समिति का निर्धारित अवधि के अन्तर्गत रिपोर्ट देना आवश्यक होगा।
b. उप समिति के सदस्यों की संख्या कम से कम तीन होगी और बहुमत द्वारा मान्य होगा।

24- भाषा- सभा / समितियों का सम्पूर्ण कार्य हिन्दी देवनागरी भाषा में किया जायेगा।

25- कोष- सभा की सम्पूर्ण धनराशि किसी बैंक में महामंत्री तथा कोषाध्यक्ष के सहखातें में जमा किया जायेगा और दोनों के हस्ताक्षर से ही आहरित किया जा सकेगा। किसी के दुरूपयोग के लिए दोनेां उत्तरदायी समझे जायेगें। इसी क्रम में वर्तमान कार्यकारिणी द्वारा “उत्तर प्रदेश आबकारी निरीक्षक संघ” के नाम से पंजाब नेशनल बैंक की- RBB गोमती नगर शाखा,लखनऊ में बचत खाता खुलवाया गया है | खाते का विवरण निम्नानुसार है – खाता संख्या 4483000100050199, MICR CODE-226024032 तथा IFSC CODE– PUNB0448300
सम्पूर्ण आय व्यय का लेखा-जोखा कोषाध्यक्ष द्वारा कार्यकारिणी समिति तथा संघ के अधिवेशन के समक्ष रखना होगा और संघ की स्वीकृति लेनी होगी।

26- सभा का प्रधान कार्यालय- उत्तर प्रदेश आबकारी निरीक्ष्ज्ञक संघ का प्रधान कार्यालय इलाहाबाद में खोला जायेगा। जहाँ पर एक कार्यालय सहायक कार्य करेगा। उसी भवन में दीक्षित स्मारक समिति का भी कार्यालय होगा और सम्पूर्ण प्रदेश के कार्यो का सम्पादन किया जायेगा।

27- संघ की सदस्यता प्रतिज्ञापन- मैं..................................................पुत्र.....................................................निवासी................................................................................................... आबकारी.........................................जनपद...........................................भारतीय संविधान में अपनी आस्था के साथ प्रतिज्ञापन करता हूँ कि संवर्ग के हित में संघ के प्राविधानों के अन्तर्गत बनायी गयी कार्ययेाजना के अनुरूप अपनी पूरी शक्ति क्षमता व आत्मविश्चास के साथ सहयेाग प्रदान करूँगा एवं बन्धुत्व व न्याय के लिए संघर्ष करूँगा । मानववाद को जीवन में अपनाऊॅगा व समता मूलक समाज की स्थापना के लिए सतत् प्रयास करता रहूँगा। मैं आजीवन / वार्षिक सदस्यता शुल्क रूपया.................................संघ को अर्पित करता हूँ |

सदस्यता ग्रहण करने वाले आबकारी निरीक्षक का नाम

28- संविधान के अनुच्छेद 51”क” में निरूपति भारतीय नागरिक के मूल कर्तव्यों के संबंध में क्रमांक “य” पर यह उल्लेख है कि “वह व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में “उत्कर्ष” की ओर बढने का सतत् प्रयास करें, जिससे राष्ट्र निरन्तर बढते हुए प्रयत्न और उपलब्धि की नई ऊॅचाईयों को छू ले”- इसका अनुपालन प्रत्येक सरकारी सेवक का कर्तव्य है। इसी बिंदु से प्रेरित होकर आबकारी निरीक्षक संघ के मुखपत्र का नाम “उत्कर्ष” स्वीकार किया गया है |

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